Friday, December 14, 2012

क्योँ?

अखबारोँ, न्यूज चैनलोँ मेँ देखने और सुनने को मिल जाता हैँकि चोरी करते पकङे गये व्यक्ति को भिङ ने अपना शिकार बनाया!
खबरोँ मेँ यह भी सुनने को मिलता हैँकि मंत्री जी करोङोँ का चूना देश को लगा दियेँ हैँ उन्हे जेल भेज दिया गया हैँ!
इन खबरोँ को मैँ बङा ध्यान से पढता और सुनता हूँ!
फिर खबरोँ मेँ दिखाई जाती हैँकि चोरी करते पकङे गये चोर कि  भिङ के पिटाई  से मृत्यू  हो गयी या हालत गंभिर हैँ या जेल भेज दिया गया!
तब उसके मृत्यू  पर दुःख होता और उसके गलत कामोँ पर मिली सजा पर खुसी भी होती हैँ,और भिङ को धन्यवाद भी देता हूँकि चलो अच्छा किया!
लेकिन उस खबर को सून कर मेरी सारी खुसी गममय हो जाती हैँकि मंत्री जी को सारे आरोपोँ से मुक्त कर दिया है! और मेरे मन मेँ एक ही सवाल ,उस भिङ से पुछना चाहती हैँकि क्या भिङ का गुस्सा सिर्फ गरीबोँ के लिए हैं, वह चोर अपने जीवन मे कितने लोगोँ का समान चुराता 10लोगो का, 50का , 100का या 1000लोगोँ का या उससे अधिक ...
और उस व्यक्ति चोर को मौथ की सजा,या आजीवन कारावास ,लेकिन मंत्री जी ने तो 1,2500000000 लोगोँ चुना नही लगाया था बल्कि हम सावा अरब  लोगोँ को चुना लगाये थेँ और उनकी  सजा जिन्दगी , आजादि , अच्छेँ व्यक्ति की मिलती हैँ

 
            क्योँ? 

Sunday, October 28, 2012

NON-VIOLENCE 2

अहिँसा क्या हैँ? अहिँसा कोई अस्त्र-शस्त्र या कोई मंत्र नही , जिसे चलाकर, फेँककर या अच्चारण कर के किसी को घायल या मुक्त या भगाया जा सकता है(जैसे हनुमान चालिसा) अहिँसा तो अंदर का भाव है भव,और इस भाव का जो अनुभव कर लिया-पहचान लिया तो वह अहिँसा का सच्चा पुजारी हो जायेगा! पुजारी कहने का मतलब हमारा यह नही है कि वह पत्थर को रख लेगा ,उसे सजा कर उसका पुजा करने लगेगा! वह किसी का पुजा नही करेगाँ बल्कि उनका सब पुजा करने लगेँगे! वह भगवान बन जायेगा,अगर कोई उसके गाल पर 20 चाटा लगायेगा तो वह अपना दूसरा गाल 21वेँ चाटा के लिए आगे कर देगा ! क्योँ ? जाईए हम आप किसी मंदिर मेँ जाईए और अपने चप्पल निकाल कर भगवान के प्रतिमा को 20 चप्पल मारीए ,वे कुछ नही कहेगेँ कुछ नही ,वे वहीँ पर स्थित रहेगेँ, मरीए ,भल्ले हि उनका प्रतिमा फूट जाए, गंद्दा हो जाए, लेकिन वे कुछ नही कहेँगे, जितना मारना है उतना मारीए क्योँकि वे भगवान है भगवान! उसी प्रकार जो अहिँसा के पुजारी हो जाते है वह भगवान हो जाते है, चाहे उसे जितना मारीए !जिस्म से खुन बहेगेँ, हाथ पैर टूट जायेगेँ सायद मर भी जाए फिर भी वह कुछ नही कहेगेँ क्योँकि वे भगवान के रूप हो जाते हैँ! अहिँसा के पुजारी महात्मा गाँधी भी वैसे ही पुजारी थे! जो आज हमसबोँ के बीच नही है,लेकिन उनका अहिँसा की भक्ति का फल आज तक हमसबो पर है और सदा रहेगेँ! लेकिन हम उनके पुन्यतिथी पर उनके प्रतिमा पर फूलो से गुथे हुवे माले चढा कर उनका श्रध्दांजलि देते है,लेकिन मेरा मानना हैँकि ये सच्चि श्रध्दांजलि नही है' सच्चि श्रध्दांजलि तो तब होगी जब हमसब उनके बताए हुवे मार्गोँ पर चलेगेँ ,मानव -मानव मेँ भेद नही रखगे,छुवा-छूत जैसी संर्किर्ण भावणाओँ को पनपने नही देगेँ यही सच्चि श्रध्दांजलि होगी बापू की अहिँसा की ॰! Name RSWA

Sunday, April 8, 2012

दुरीयाँ

खबरोँ मेँ हमेशा आते रहता है, यहाँ sanskri विधालय/काँलेज खुला है,यहाँ Urdu विधालय/काँलेज खुला है!यह बहुत ही अच्छा हैकिँ sanskrit सीखने के इच्छा रखने वाले sanskrit सीख रहे है और urdu के चाह रखने वाले urdu ! और इससे भी अच्छा यह हैँकि राजनेताओँ का वोट बैँक बढ रहा है,इससे अच्छी बात्त क्या हो सकता हैँ। जिन्हे देश को एक सूत्र मेँ ,एक धागेँ मे पीरोने का काम मिला हैँ वहीँ इस काम को भुल गयेँ हैँ। अपने वोट बैँक बढाने के लिए Sanskrit विधालय तो Urdu विधालय खुलवा रहे हैँ। इससे क्या फायदा होगा, अगर वह चाहते ही हैँकि Sanskrit के छात्र Sanskrit और Urdu के छात्र Urdu सीखे तो उन्हे एक ही स्कूल/काँलेज मेँ इन विषयोँ की पढायीया करवानी चाहिए ताकि हर धर्म हर वर्ग के छात्रोँ के बीच भाई चारे की भावना रहे, सहयोग का भावना रहे, एकता की भावना रखे। इनके बीच की दूरीयाँ मिट सके।जिससे हमारा देश एक सूत्र मे बन्धा रहेगा औ उन शहिदोँ का सपना पुरा होगाँ जिन्होने देश के लिए अपने आप को कुर्बान कर दिया।

Name RSWA
Student B.Sc(it)