Wednesday, July 22, 2015

तेरी किस काम की

सेज के सजनीयाँ, तेरी पैरों की पैजनियाँ,
हाथों का ये कंगना ,तेरी ओठों की लाली ,
माँथे की ये बिंदीया,पतली कमरीयाँ ,
केस काली-काली किस काम की ।
देखी ना पिया ये तेरी किस काम की ।
सेज के सजनवा चले गए परदेश ,तेरे ये किस काम की ।
लगे तेरे जग सुना-सुना ,तुझ पर हँसे तेरी साये रे ,
तेरी योवन किस काम की,पिया देखी नही रे ।
निंद तुझे आती नही, सँपनों मे भी ना आए तेरे पिया ।
मन ये कहें पिया तेरे बिना क्या जिना,कब आयेगें पिया ,सोची-सोची कटी रतीयाँ ।
 कटी- कटी कैसे  कटी- कटी  रतीया,ना  कटी ना  कटी तेरे बिन ये रतिया,तेरे बिन-तेरे बिन कटि ना ये रतिया।
ना लगी ना लगी, ना लगी मनवा तेरे बिना ओ पिया,तेरे बिन,
सोचे-सोचे है,तेरी ये मनवा, तेरी ये मनवा

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