Saturday, September 26, 2015

Real Love

आकर्षण क्षणिक होता है और प्रेम शाश्वत।
आकर्षण क्षण भर के लिए होता है और चला
जाता है,आकर्षण हमेशा आँखे खुली होने के
समय होता है,आकर्षण का पता उसी समय
लग जाता है जब आप किसी को देखते है ।
आकर्षण परिवर्तनशील होता है।
आकर्षण मे पाने की व्याकुलता होती,जो कभी
प्रेम नहीँ हो सकता।

परन्तू प्रेम शाश्वत होता है और आपके ज़िंदगी
का एक अहम हिस्सा बन जाता है,प्रेम की आँखे
नही होती,महज आँखे जरीया होती है,प्रेम का
अनुभव आँखे बंद करने पर होती है,
प्रेम है या नहीँ आपको यह अनुभव तब होता
है जब आप उनसे दूर होते है ।
प्रेम अपरिवर्तनशील होता है,कभी प्रेम दुख
बनकर रहता है तो कभी ख़ुशी बनकर,
सच्चा प्रेम मे पाना शब्द नहीँ होता सिर्फ़
उन्हें निभाना होता है।

No comments:

Post a Comment