Saturday, November 12, 2016

Dialogue

1. तुम कल भी झूठी थी और आज भी झूठी हो, फर्क बस  तेरे लिबास  का है ।

2 . वक्त तो हर रोज बदल जाते हैं हमारे, पर जो नहीं बदलती ,वो है मेरी ख़्वाहिशों ।

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