Wednesday, December 27, 2017

Dialogue

थोड़ा गम, थोड़ा आंसू, थोड़ा प्यार रखा है। याद तो कुछ भी नहीं,पर यादों ने याद रखा है । आंखों में नमी तो नहीं ,पर किसी का तलाश छुपा रखा है । अल्फाज तो नहीं, पर मेरी खामोशी ने राज छुपा रखा है। हकीकत तो कुछ भी नहीं ,बस मुझे मेरे ख्वाब ने जिंदा रखा है।

No comments:

Post a Comment